कानून के प्रति जागरूक करने न्यायाधीश सहित न्यायालय कर्मियों ने लगाई दौड़

किसी की फूली सांस तो कोई बीपी का मरीज
न्यायाधीश ने कहा फिट रहने के लिए भी करेंगे लोगों को जागरूक


विदिशा , उच्चतम न्यायालय एवं उच्च. न्यायालय के आहबान पर शनिवार को न्यायालय परिसर से अहमदपुर चौराहे तक मैराथन दौड़ का आयोजन हुआ मैराथन दौड़ में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जाकिर हुसैन  , विशेष न्यायाधीश के न्यायाधीश जीसी शर्मा , सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण मसूद खान , सीजीएम श्रीमती अपर्णा शर्मा , जिला रजिस्टर विजय कुमार पांडे , अपर कलेक्टर अनिल कुमार डामोर , एसडीएम क्षितिज शर्मा , तहसीलदार डॉक्टर अमित सिंह ने सहित न्यायालय के कर्मचारियों नें उक्त मैराथन दौड़ में हिस्सा लिया ।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जाकिर हुसैन नें बताया कि नागरिकों को कानून के प्रति जागरूक करने के लिए 4 से 9 नबंवर तक देश भर में न्याय उत्सव मनाया जा रहा है । इसी के तहत आज मैराथन दौड हो रही है । 
उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश कार्यक्रम का समापन करेंगे ।

किसी की फूली सांस.तो कोई बीपी का मरीज
मैराथन दौड़ में न्यायालय परिसर के कर्मचारी अधिकारी 1 किलोमीटर भी नहीं दौड़ सके अनेक कर्मचारी ने कहा कि उन्हें बीपी की बीपी की शिकायत है तो अनेक कर्मचारी बैरियर को क्रॉस करके दूसरी सड़क पर आकर दौड़ लगाते देखे गए । वहीं पैदल चलने वाले कर्मचारी कैमरों को देखकर दौड़ते नजर आए ।

स्पोर्ट्स से जुडे लोग रहते हैं फिट
इस संबंध में अपर सत्र जिला न्यायाधीश जाकिर हुसैन जी से जब चर्चा की गई तो उनका कहना था कि हम सभी को फिट करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करेंगे मॉर्निंग वॉक बहुत आवश्यक है ।
फिटनेस बहुत आवश्यक है हम देखते हैं कि क्रिकेटर एवं स्पोट्र्स से जुड़े लोग हमेशा फिट बने रहते हैं स्वास्थ्य यदि सही है तो बाकी सारे काम कर सकते हैं ।

50 बर्षीय न्यायाधीश एवं वरिष्ठ अभिभाषक   आए प्रथम एवं तृतीय
मैराथन दौड़ में वरिष्ठ अभिभाषक माधव मोहोड प्रथम , न्यायाधीश के वाहन चालक श्याम सुंदर यादव  द्वितीय , जिला न्यायालय के न्यायाधीश प्रदीप दुबे तृतीय स्थान पर आए हैं ।  माधव मोहोड एवं प्रदीप दुबे की उम्र भी करीब 50 वर्ष होगी जो इस मैराथन दौड़ में प्रथम एवं तृतीय स्थान पर आए हैं । प्रधान अपर सत्र न्यायाधीश श्री जाकिर हुसैन द्वारा न्यायालय सभागार में शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सभी को सम्मानित किया गया ।

पहली बार नजर आए प्लास्टिक के विरिगेट
न्यायाधीश और न्यायालय मैराथन दौड में पहली बार डिवाइडर के लिए प्लास्टिक के वैरिगैट नजर आए इन वैरिगैट के बारे में जब
दरोगा एम.बी.शर्मा ने बताया कि यह वेरीगेड पहले कभी नहीं लगे , जब उनसे पूछा गया कि यह वेरी गेट कहां से आए और पहले भी कभी लगे हैं क्या ? तो दरोगा जी इस बात का जवाब नहीं दे सके बस उन्होंने कहा कि हमें तो लगाने और उठाने की जिम्मेदारी दी गई है यह न्यायालय परिसर की ही सामग्री है ।